आज के जमाने में
ईमानदारी का क्या रूप है,
उसका क्या स्वरुप है
ये जानने के लिए सोचा,
तो एक आम आदमी से पूछा
उसने कहा –
ये ईमानदारी है एक लाचारी
आप पर हँसेगी दुनिया सारी
अगर आप ईमानदार हैं
एक तो नौकरी नहीं मिलती
उसपर भी आप ईमानदार
तो सब से बड़ी गलती
आप जहाँ भी जायेंगे
बस गालियाँ ही खायेंगे
मार कर भगा दिए जायेंगे
अगर आप ईमानदार हैं
आप चीखेंगे चिल्लायेंगे
आप की कोई नहीं सुनेगा
ऊपर से चार जूते धुनेगा
अगर आप ईमानदार हैं
आप को कोई नौकरी नहीं देगा
कितना भी सोर्स लगावो
नीचे से पैसा दबावो ,
बड़ी से बड़ी डिग्री लावो
चाहे भूखों मर जावो
नौकरी तब पाओगे
जब ...
बेईमानी का डिप्लोमा दिखाओगे
वरना ढूँढते रह जाओगे
खाली हाथ घर जाओगे
घरवालों से गालियाँ खावोगे
मरने जाओगे
मर भी नहीं पावोगे
और गलती से मर गये...
तो...
ऊपर क्या काला मुँह लेकर जाओगे ?
वहाँ के सुखों को भी नहीं भोग पावोगे
सुंदर अप्सराओं का डी जे
नहीं देख पावोगे
किसी कोने में चुप चाप
खड़े रह जावोगे
आप को प्रवेश नहीं मिलेगा !
क्योंकि उसके लिए भी ..
बेईमानी का टिकट लगेगा ....
- कवि कुमार अशोक
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