जीवन की परिभाषा



तुम जीने की हो अभिलाषा,

तुम हो जीवन की परिभाषा

तुम प्राण हो तुम श्वास हो,

तुम आस्था विश्वाश हो

तुम हो मेरी आराधना,

मेरे मन की कल्पना

मेरे जीवन की प्रेरणा


- कवि कुमार अशोक 

No comments:

Post a Comment