प्रेम

कवि कुमार अशोक 

यदि सच्चा है तो
प्रेम बहता है आँखों से,
यदि विश्वाश पूर्ण है तो
प्रेम कहता है आँखों से,
यदि निश्छल हो तो
प्रेम होता है आँखों से,
यदि जरा भी छल हो तो
प्रेम खोता है आँखों से,
यदि अटल हो तो
प्रेम भरता है आँखों से,
यदि कुटिल हो तो
प्रेम मरता है आँखों से। 

                            

कवि कुमार अशोक 



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